NDA की महाविजय: बिहार में 208 सीटों पर बढ़त, नीतीश सरकार की वापसी
NDA 208 सीटों पर आगे, महागठबंधन 'हाफ', VIP 'साफ'; कांग्रेस को 'पंजा' भी नहीं मिला
- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के निर्णायक रुझानों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 243 सीटों वाली विधानसभा में 208 सीटों पर प्रचंड बढ़त हासिल कर ली है, जिससे नीतीश कुमार के नेतृत्व में चौथी बार सरकार बनना तय है।
- विपक्षी महागठबंधन को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा है; राजद की बढ़त आधे से भी कम रह गई, मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी ‘साफ’ हो गई, और कांग्रेस को ‘पंजा’ (पाँच सीटें) भी नहीं मिली।
- NDA के 29 मंत्रियों में से 28 मंत्री रुझानों में आगे चल रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव राघोपुर में मामूली बढ़त हासिल करने के लिए संघर्ष करते दिखे।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 14 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे चौंकाने वाले रहे हैं। दोपहर तक के निर्णायक रुझानों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में एक बार फिर NDA गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। सत्तारूढ़ गठबंधन ने 200 के जादुई आंकड़े को पार करते हुए कुल 208 सीटों पर जबरदस्त बढ़त हासिल कर ली है। यह जीत न केवल नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की संयुक्त ताकत को दर्शाती है, बल्कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस अनुमान से भी कहीं आगे निकल गई है, जिसमें उन्होंने 160 से अधिक सीटें जीतने का भरोसा जताया था।
NDA की इस प्रचंड जीत में BJP 89 सीटों पर, जनता दल यूनाइटेड (JDU) 79 सीटों पर, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 21 सीटों पर और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) 4 सीटों पर आगे चल रही है। रुझानों में इस स्पष्ट बहुमत के बाद राजधानी पटना में भाजपा और जदयू के समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है।
महागठबंधन: एकतरफा हार और अंदरूनी बिखराव
NDA के महाविजय के सामने, विपक्षी महागठबंधन पूरी तरह से बिखर गया। महागठबंधन की बढ़त दहाई के अंकों तक सिमट गई है, जो उसके लिए एक अपमानजनक हार है।
राजद का बुरा हाल: लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की बढ़त आधी हो गई, जबकि वह गठबंधन में सबसे बड़ा दल थी और मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव को आगे कर रही थी।
कांग्रेस का निराशाजनक प्रदर्शन: 60 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन सबसे कमजोर रहा और उसे ‘पंजा’ (पाँच सीटें) भी मुश्किल से मिला। कांग्रेस के इस खराब प्रदर्शन को महागठबंधन की हार का एक मुख्य कारण माना जा रहा है।
वीआईपी ‘साफ’: मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) का प्रदर्शन भी बेहद निराशाजनक रहा और वह लगभग ‘साफ’ होती दिखी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनके वोट बैंक का ट्रांसफर नहीं हो पाया।
इस बीच, तेजस्वी यादव राघोपुर सीट पर कांटे की टक्कर के बाद मामूली बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे, लेकिन उनकी पार्टी का समग्र प्रदर्शन निराशाजनक रहा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इन रुझानों को ‘चिंताजनक’ बताते हुए पार्टी में आत्मनिरीक्षण की जरूरत पर जोर दिया है।
मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड और मोदी का संदेश
NDA की इस जीत में सबसे मजबूत प्रदर्शन नीतीश सरकार के मंत्रियों का रहा है। रुझानों के मुताबिक, 29 मंत्रियों (BJP और JDU के) में से 28 मंत्री अपनी-अपनी सीटों पर निर्णायक बढ़त बनाए हुए हैं, जिससे यह साबित होता है कि जनता ने विकास और सुशासन के एजेंडे पर अपना भरोसा जताया है। जेडीयू के जेल में बंद नेता अनंत सिंह ने भी मोकामा सीट जीत ली है।
इन रुझानों के बीच, यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार की जनता ने महिलाओं के विकास-समर्थक नीतियों और केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं पर भरोसा जताया है। NDA की इस बड़ी जीत के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित बीजेपी दफ्तर में शाम 6 बजे कार्यकर्ताओं को संबोधित करने का कार्यक्रम तय किया है। वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर हारने का कोई अवार्ड होता तो वे ही जीतते, क्योंकि कांग्रेस केवल 4-5 सीटों पर संघर्ष कर रही है। यह चुनाव परिणाम बिहार की जनता द्वारा विकास की राजनीति को दी गई नई दिशा का संकेत है।