त्रिपुरा में 3 बांग्लादेशी नागरिकों की मौत पर विवाद, भारत ने दिया ढाका को जवाब
भारत-बांग्लादेश सीमा विवाद: विदेश मंत्रालय ने कहा- मारे गए बांग्लादेशी मवेशी चोर थे, हमले में एक भारतीय ग्रामीण की भी मौत
- 15 अक्टूबर 2025 को त्रिपुरा में तीन बांग्लादेशी नागरिकों की मौत पर भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक विवाद खड़ा हुआ।
- भारत सरकार ने इन नागरिकों को मवेशी तस्कर बताया, जो सीमा पार कर चोरी की कोशिश कर रहे थे।
- हमले में एक भारतीय ग्रामीण की भी मौत हुई; भारत ने कहा- यह घटना सीमा के 3 किलोमीटर भीतर हुई।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली/त्रिपुरा, 18 अक्टूबर: त्रिपुरा में तीन बांग्लादेशी नागरिकों की मौत के मामले में भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक स्तर पर कड़ा विरोध दर्ज हुआ है। बांग्लादेश सरकार ने 15 अक्टूबर 2025 को हुई इस घटना पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन और एक ‘जघन्य अपराध’ बताया था।
जवाब में, भारत सरकार ने इन बांग्लादेशी नागरिकों को तस्कर बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “हमें पता चला है कि 15 अक्टूबर को त्रिपुरा में एक घटना हुई, जिसमें तीन बांग्लादेशी तस्करों की मौत हो गई।” उन्होंने स्पष्ट किया कि ये तीनों अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर मवेशी चुराने की कोशिश कर रहे थे।
भारतीय ग्रामीण पर हमले के बाद स्थानीय लोगों ने किया विरोध
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने घटना का विस्तृत ब्यौरा देते हुए कहा कि बिदयाबिल गांव से मवेशी चुराने की कोशिश के दौरान, इन बांग्लादेशी नागरिकों ने स्थानीय लोगों पर लोहे के डंडों और चाकू से हमला कर दिया। इस हमले में एक ग्रामीण शख्स की मौत हो गई, जिसके बाद अन्य ग्रामीणों ने हमलावरों का विरोध किया और हाथापाई हुई।
मंत्रालय ने बांग्लादेश के उस नैरेटिव को खारिज कर दिया, जिसमें घटना को सीमा पार का बताया गया था। भारत सरकार ने साफ किया कि यह घटना भारतीय सीमा के तीन किलोमीटर भीतर हुई थी।
जायसवाल ने बताया कि “जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक दो बांग्लादेशी नागरिकों की मौत हो चुकी थी, जबकि एक गंभीर रूप से घायल था।” घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ अगले दिन उसकी भी मौत हो गई।
बांग्लादेश ने मांगी निष्पक्ष जांच, सौंपा गया शव
बांग्लादेश ने इन तीनों मृत बांग्लादेशी नागरिकों के लिए न्याय की मांग करते हुए भारत से निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का आह्वान किया है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने अपनी आपत्ति में इस घटना को मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करार दिया था।
भारत ने इस घटना पर बांग्लादेश के आरोपों को खारिज करते हुए अपनी जांच जारी रखने की बात कही है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि कानूनी औपचारिकताओं के बाद तीनों बांग्लादेशी नागरिकों के शवों को बांग्लादेश प्रशासन को सौंप दिया गया है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच व्यापार और सुरक्षा को लेकर संबंध मजबूत हो रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर भारत-बांग्लादेश सीमा सुरक्षा और पशु तस्करी जैसे गंभीर मुद्दों को सुर्खियों में ला दिया है। दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए इस मामले की गंभीरता से और त्वरित जांच आवश्यक है।