बीकानेर हाउस में तीज माता की सवारी निकाली गई

राजस्थानी रंग में रंगा दिल्ली का तीज महोत्सव 2025

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  • बीकानेर हाउस और दिल्ली हाट में तीज महोत्सव की धूम।
  • पारंपरिक लोकनृत्य, फूलों की होली और व्यंजनों की भरमार।
  • दिल्लीवासियों ने राजस्थानी संस्कृति का किया भरपूर आनंद।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 जुलाई, 2025 – राजधानी दिल्ली के बीकानेर हाउस में चल रहे साप्ताहिक तीजोत्सव में रविवार को तीज माता की भव्य सवारी निकाली गई। पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार तीज माता को सजी हुई पालकी में चार कहारों द्वारा परिसर में घुमाया गया। इस आयोजन ने उपस्थित जनसमूह को राजस्थानी लोकपरंपराओं से भरपूर अनुभव प्रदान किया।

महिलाओं की कलश यात्रा ने बढ़ाई शोभा

अतिरिक्त आवासीय आयुक्त श्रीमती अंजु ओमप्रकाश के अनुसार, लगभग 51 महिलाओं ने मंगल कलश यात्रा में भाग लेकर इस सवारी की शोभा बढ़ाई। मशक वादन और कच्छी घोड़ी नृत्य से सजी यह यात्रा लोक संस्कृति की जीवंत प्रस्तुति बन गई। दिल्ली के विभिन्न कोनों से आए लोगों ने इस पारंपरिक कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

राजस्थानी व्यंजनों और हस्तशिल्प का आकर्षण

आगंतुकों ने न केवल सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया, बल्कि राजस्थानी व्यंजनों, हस्तशिल्प उत्पादों, और पारंपरिक खेलों का भी जमकर आनंद उठाया। रविवार की छुट्टी होने के कारण बड़ी संख्या में दर्शक बीकानेर हाउस पहुंचे और खरीदारी की।

सांस्कृतिक संध्या ने मन मोह लिया

संयुक्त आवासीय आयुक्त श्रीमती रींकू मीना ने बताया कि सवारी के उपरांत आयोजित सांस्कृतिक संध्या ने सभी आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसमें मशक वादन, खड़ताल, भोपा गायन, चरी नृत्य, चंग-ढ़प नृत्य, घूमर, कालबेलिया और प्रसिद्ध मयूर नृत्य व फूलों की होली की झलक देखने को मिली।

दिल्ली हाट में भी गूंजी राजस्थानी लोकधुनें

राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा दिल्ली हाट, आई.एन.ए. में भी रविवार को एक भव्य सांस्कृतिक संध्या आयोजित की गई। इसमें घूमर, चरी, कच्छी घोड़ी नृत्य के साथ-साथ भारतीय शास्त्रीय कत्थक नृत्य की भी अद्भुत प्रस्तुति दी गई। कत्थक नृत्यांगनाएं सुश्री सुकृति अग्रवाल और भीतिका रहेजा की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

राजधानी दिल्ली में आयोजित तीज महोत्सव ने न केवल राजस्थानी संस्कृति को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया बल्कि स्थानीय लोगों और पर्यटकों को एक रंगीन और आनंददायक अनुभव प्रदान किया। 30 जुलाई तक चलने वाले इस उत्सव में लोग राजस्थानी परंपराओं, खानपान और कलाओं का भरपूर आनंद ले सकते हैं।

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