समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 जुलाई : भारत सरकार ने घरेलू उद्योगों को सस्ते और घटिया आयात से बचाने के लिए चीन के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है। भारत ने चीन से आयातित 18 वस्तुओं पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी (anti-dumping duty) लगाने की घोषणा की है। इस निर्णय का उद्देश्य भारतीय उत्पादकों को संरक्षण देना और बाजार में संतुलन बनाए रखना है।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, जिन 18 उत्पादों पर यह शुल्क लगाया गया है, उनमें रसायन, स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल्स और मशीनरी के महत्वपूर्ण घटक शामिल हैं।
सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कदम चीन द्वारा अपने माल को भारत में बेहद सस्ते दामों पर डंप करने की प्रवृत्ति के विरुद्ध है, जिससे भारतीय कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा था। चीन की कंपनियां अपनी अधिशेष उत्पादन क्षमता के चलते वैश्विक बाजारों में माल को कम दामों पर बेचती हैं, जिससे स्थानीय उत्पादन पर असर पड़ता है।
क्या है एंटी-डंपिंग शुल्क?
एंटी-डंपिंग शुल्क वह सीमा शुल्क है जो किसी देश की सरकार उस स्थिति में लगाती है जब कोई विदेशी कंपनी अपने उत्पादों को अत्यधिक सस्ती दर पर निर्यात कर घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचा रही हो। भारत का यह निर्णय WTO के नियमों के अनुरूप है और घरेलू उत्पादकों को समान प्रतिस्पर्धा का अवसर देता है।
घरेलू उद्योगों को राहत
वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “भारत सरकार घरेलू उद्योगों को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कदम उन व्यवसायों के लिए राहत लेकर आएगा जो पिछले कुछ वर्षों से चीनी डंपिंग के कारण संघर्ष कर रहे थे।”
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, इस कदम से भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी और ‘मेक इन इंडिया’ तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों को गति मिलेगी। इससे भारतीय कंपनियों को चीनी कंपनियों के सस्ते उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की मजबूरी नहीं रहेगी।
चीन की प्रतिक्रिया पर नजर
इस कदम से भारत-चीन व्यापारिक संबंधों में खटास आने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, भारत ने यह फैसला घरेलू हितों की रक्षा के लिए लिया है और यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के अंतर्गत आता है।
भारत का यह एंटी-डंपिंग कदम न केवल स्थानीय उत्पादकों की सुरक्षा का संकेत है, बल्कि यह देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक ठोस प्रयास है। आने वाले दिनों में सरकार अन्य संवेदनशील उत्पादों पर भी नजर रखेगी और यदि आवश्यक हुआ तो और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।