अमेरिका और कनाडा में हिंदू मंदिरों पर खतरा: खालिस्तानी धमकियों के बीच सुरक्षा बढ़ाने के आदेश

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समग्र समाचार सेवा 

नई दिल्ली 9 मई : अमेरिका और कनाडा में हिंदू मंदिरों को लेकर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। पाकिस्तान समर्थित खालिस्तानी तत्वों की धमकियों और हाल के हमलों के बीच हिंदू मंदिरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हिंदू मंदिर एग्जीक्यूटिव्स कॉन्फ्रेंस (HMEC) ने मंदिरों को सुरक्षा कड़ी करने के लिए एक आपातकालीन सलाह जारी की है, जिसमें संभावित हमलों से सावधान रहने और तुरंत जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।

पिछले कुछ महीनों में अमेरिका और कनाडा में कई हिंदू मंदिरों पर हमले हो चुके हैं। मंदिरों की दीवारों पर ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ जैसे नारे लिखे गए और धार्मिक स्थलों को अपवित्र किया गया। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ये हमले एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य भारतीय प्रवासी समुदाय को डराना और सांप्रदायिक तनाव फैलाना है।

HMEC ने मंदिरों से कहा है कि वे अपने सभी प्रवेश और निकासी द्वारों पर हाई डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरे तुरंत लगवाएं, परिसर की निगरानी मजबूत करें और आने-जाने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखें। साथ ही, कर्मचारियों और स्वयंसेवकों के लिए पहचान पत्र लागू करने, सुरक्षा गार्ड रखने और स्थानीय पुलिस के साथ संपर्क बनाए रखने की सलाह दी गई है।

“ये हमले कोई इक्का-दुक्का घटनाएं नहीं हैं। यह एक खतरनाक सिलसिला बनता जा रहा है, जिसमें खासतौर पर हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है,” HMEC के प्रवक्ता ने कहा। “हमें अपनी संस्कृति, समुदाय और आस्था की रक्षा के लिए तुरंत और सख्त कदम उठाने होंगे।”

कनाडा और अमेरिका के हिंदू समुदायों में इस बढ़ते खतरे को लेकर गहरा आक्रोश है। कई समुदाय नेताओं ने स्थानीय सरकारों से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के समर्थन से खालिस्तानी तत्वों का जाल फैलता जा रहा है, जिससे हिंदुओं के खिलाफ नफरत की आग भड़क रही है।

“ये मंदिरों पर नहीं, बल्कि हमारी पहचान और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है,” टोरंटो के सामाजिक कार्यकर्ता राजेश शर्मा ने कहा। “अगर सरकारों ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।”

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में यह चेतावनी आई है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि प्रवासी भारतीय समुदाय ऐसे तत्वों के आसान लक्ष्य बन सकते हैं, जो अपने एजेंडे को वैश्विक मंच पर लाना चाहते हैं। मंदिर समितियां अब सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा में जुट गई हैं, जबकि श्रद्धालुओं से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने की अपील की गई है।

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