समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,25 मार्च। शिक्षा किसी भी राष्ट्र की नींव होती है, और जब यह शिक्षा अपनी संस्कृति, परंपरा और मूल्यों से जुड़ी हो, तो समाज का समग्र विकास सुनिश्चित होता है। इसी दृष्टिकोण को रेखांकित करती है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा लिखित पुस्तक ‘भारतीय शिक्षा दृष्टि’। यह पुस्तक भारत के पारंपरिक शिक्षा तंत्र, आधुनिक शिक्षा प्रणाली और शिक्षा में भारतीय मूल्यों के महत्व पर एक विस्तृत विमर्श प्रस्तुत करती है।