महाराष्ट्र: 5 दिसंबर को सिर्फ 3 लोग लेंगे शपथ, CM और दो डिप्टी CM होंगे शामिल, बीमार शिंदे अस्पताल पहुंचे

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,3 दिसंबर।
महाराष्ट्र में 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों के रूप में सिर्फ तीन नेताओं को शपथ दिलाई जाएगी। राज्य की राजनीतिक हलचलों के बीच यह समारोह बेहद अहम माना जा रहा है। इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तबीयत खराब होने के कारण वह फिर से अस्पताल जा रहे हैं, जिससे उनकी भागीदारी पर भी सवाल उठ रहे हैं।

शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी

5 दिसंबर को होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में केवल तीन लोग शपथ लेंगे:

  1. एकनाथ शिंदे – मुख्यमंत्री के रूप में।
  2. देवेंद्र फडणवीस – उपमुख्यमंत्री के रूप में।
  3. अजित पवार – उपमुख्यमंत्री के रूप में।

कैबिनेट विस्तार टला

शपथ ग्रहण के बाद पूरी कैबिनेट का विस्तार बाद में किया जाएगा।

  • यह निर्णय गठबंधन के तीन प्रमुख दलों – बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), और एनसीपी (अजित पवार गुट) – के बीच विभागों के बंटवारे पर सहमति न बनने के कारण लिया गया है।
  • जानकारों का मानना है कि मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर अंदरूनी मतभेद जारी हैं।

एकनाथ शिंदे की तबीयत बनी चिंता का कारण

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तबीयत पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रही है।

  • शिंदे को हाल ही में मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
  • डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है, लेकिन उनकी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर अभी भी अटकलें लगाई जा रही हैं।
  • आज फिर से मुख्यमंत्री को अस्पताल जाने की खबर है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या वह शपथ ग्रहण समारोह में पूरी तरह फिट रह पाएंगे।

राजनीतिक समीकरण और शपथ ग्रहण का महत्व

यह शपथ ग्रहण महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है।

  • गठबंधन की मजबूती: तीन दलों के बीच सत्ता के बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान का असर इस समारोह पर दिखाई दे सकता है।
  • भाजपा का दबदबा: मुख्यमंत्री के रूप में शिंदे की भूमिका बरकरार है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी का दबदबा गठबंधन में स्पष्ट है।
  • अजित पवार की स्थिति: अजित पवार का डिप्टी सीएम पद पर बने रहना उनके गुट की ताकत को दर्शाता है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियां, खासकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और कांग्रेस, इस शपथ ग्रहण को सत्ता की राजनीति का खेल बता रही हैं।

  • उद्धव गुट ने आरोप लगाया कि यह सरकार केवल सत्ता के लालच में बनी है और राज्य के मुद्दों को अनदेखा कर रही है।
  • विपक्ष ने शिंदे की स्वास्थ्य स्थिति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि एक बीमार मुख्यमंत्री राज्य का प्रभावी नेतृत्व कैसे करेंगे।

निष्कर्ष

5 दिसंबर का शपथ ग्रहण समारोह महाराष्ट्र की राजनीति का एक महत्वपूर्ण अध्याय साबित हो सकता है। हालांकि, मुख्यमंत्री शिंदे की तबीयत और कैबिनेट विस्तार पर अनिश्चितता ने इस घटना को और पेचीदा बना दिया है। यह देखना होगा कि यह गठबंधन सरकार राज्य के प्रशासन और राजनीतिक स्थिरता के मामले में कितनी सफल होती है।

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