अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा, श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में भी रोल, ट्रंप के लिए हवन… कौन हैं हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता?

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,29 नवम्बर।
हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता हाल के दिनों में अपने विवादास्पद और साहसिक बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। चाहे अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा हो, श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में सक्रिय भूमिका निभाना हो, या अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में हवन करना, विष्णु गुप्ता लगातार खबरों में बने हुए हैं।

अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा

हाल ही में, विष्णु गुप्ता ने अजमेर दरगाह के स्थान को एक प्राचीन शिव मंदिर बताया और इसकी ऐतिहासिक जांच की मांग उठाई। उनका दावा है कि इस स्थान पर हिंदू मंदिर था जिसे तोड़कर वहां दरगाह बनाई गई। गुप्ता का यह बयान न केवल धार्मिक, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी विवाद का कारण बना। उनकी मांग ने हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच एक नई बहस को जन्म दिया है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में भूमिका

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में भी विष्णु गुप्ता और उनकी हिंदू सेना सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्होंने इस विवाद में कई बार प्रदर्शन किए और अदालत में याचिका दायर कर मंदिर की भूमि को “मुक्त” कराने की मांग की। उनका कहना है कि यह मामला न केवल धार्मिक भावना से जुड़ा है, बल्कि हिंदू इतिहास और संस्कृति की रक्षा से भी संबंधित है।

डोनाल्ड ट्रंप के लिए हवन

विष्णु गुप्ता का नाम उस समय अंतरराष्ट्रीय चर्चा में आया जब उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में हवन किया। उनका तर्क था कि ट्रंप हिंदुत्व के प्रति सहानुभूति रखते हैं और भारत के लिए अनुकूल नेता हैं। यह कदम जहां कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था, वहीं यह गुप्ता की अंतरराष्ट्रीय राजनीति में रुचि और उनकी रणनीति को भी दर्शाता है।

विष्णु गुप्ता: एक परिचय

विष्णु गुप्ता हिंदू सेना के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनकी संगठनात्मक क्षमताओं और आक्रामक रणनीतियों के कारण हिंदू सेना ने कई विवादास्पद मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया है। उनका संगठन हिंदुत्व के विचारों को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।
गुप्ता का कहना है कि उनका उद्देश्य हिंदू धर्म और संस्कृति की रक्षा करना है। हालांकि, उनके आलोचक उन्हें “ध्रुवीकरण की राजनीति” करने वाला करार देते हैं।

आलोचना और समर्थन

जहां एक ओर विष्णु गुप्ता को उनके समर्थक हिंदू धर्म और संस्कृति के “रक्षक” के रूप में देखते हैं, वहीं दूसरी ओर कई लोग उनकी रणनीतियों को अतिवादी और विभाजनकारी मानते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि उनके बयानों और कार्यों का उद्देश्य ध्यान आकर्षित करना और हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूती देना है।

भविष्य की योजनाएं

विष्णु गुप्ता ने हाल ही में संकेत दिया है कि उनका संगठन कई और ऐतिहासिक स्थानों की जांच की मांग करेगा। उनका दावा है कि कई मस्जिदें और धार्मिक स्थलों का निर्माण हिंदू मंदिरों को तोड़कर किया गया है।

निष्कर्ष

विष्णु गुप्ता एक ऐसा नाम बन चुके हैं जो हिंदू धर्म और राजनीति के विवादास्पद मुद्दों से जुड़ा हुआ है। उनके कार्य और बयान अक्सर विवादों को जन्म देते हैं, लेकिन इससे उनकी लोकप्रियता और प्रभाव भी बढ़ा है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि गुप्ता और उनकी हिंदू सेना भविष्य में कौन-से नए मुद्दे उठाते हैं और उनका सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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