कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ के ट्रेलर पर सिख संगठनों की नाराजगी: ‘भावनाओं को आहत करने’ का आरोप

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,3 सितम्बर। 14 अगस्त को कंगना रनौत की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘इमरजेंसी’ का ट्रेलर रिलीज़ हुआ। इस फिल्म में कंगना भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में नज़र आ रही हैं। हालांकि, फिल्म के ट्रेलर के रिलीज़ होने के बाद ही विवादों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। खासकर सिख संगठनों ने फिल्म पर ‘भावनाओं को आहत करने’ और ‘सिखों की गरिमा को ठेस पहुँचाने’ का आरोप लगाया है।

सिख संगठनों की प्रतिक्रिया

सिख समुदाय के कई संगठनों ने ट्रेलर में दिखाए गए कुछ दृश्यों और संवादों पर नाराजगी जाहिर की है। उनका मानना है कि ये फिल्म 1984 के सिख विरोधी दंगों और ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी घटनाओं को गलत तरीके से पेश करती है। सिख संगठनों का आरोप है कि फिल्म में ऐतिहासिक घटनाओं को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है, जिससे उनकी भावनाएँ आहत हो सकती हैं।

विवाद के पीछे की वजह

फिल्म ‘इमरजेंसी’ उस दौर को दर्शाने का प्रयास करती है जब देश में आपातकाल की घोषणा की गई थी। यह भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद अध्याय को केंद्र में रखती है। फिल्म का ट्रेलर इस बात की झलक देता है कि कैसे इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू किया और इसके परिणामस्वरूप देश के विभिन्न हिस्सों में क्या-क्या हुआ। सिख संगठनों का मानना है कि इस फिल्म के माध्यम से सिखों को गलत ढंग से चित्रित किया जा रहा है और उनकी गरिमा को ठेस पहुँचाने का प्रयास किया गया है।

फिल्म की टीम की प्रतिक्रिया

इस विवाद पर अभी तक कंगना रनौत या फिल्म के निर्माताओं की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि फिल्म की टीम जल्द ही सिख संगठनों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए कोई स्पष्टीकरण जारी कर सकती है।

भविष्य की संभावनाएँ

सिख संगठनों ने मांग की है कि फिल्म से उन दृश्यों और संवादों को हटाया जाए, जो उनके समुदाय की भावनाओं को आहत कर सकते हैं। अगर फिल्म निर्माता इस पर विचार नहीं करते, तो सिख संगठन फिल्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी तैयारी कर रहे हैं।

निष्कर्ष

कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ अभी रिलीज़ नहीं हुई है, लेकिन इसके ट्रेलर ने पहले ही विवादों को जन्म दे दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि फिल्म के निर्माता इन विवादों से कैसे निपटते हैं और क्या वे सिख संगठनों की भावनाओं को सम्मान देते हुए फिल्म में बदलाव करते हैं या नहीं। फिलहाल, इस मुद्दे पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, और यह विवाद फिल्म के भविष्य पर क्या असर डालता है, यह तो समय ही बताएगा।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.