उत्तर प्रदेश में नकल माफिया का पर्दाफाश: आजमगढ़ में DElEd परीक्षा में बड़ा गिरोह पकड़ा गया

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,14अगस्त। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में पुलिस ने नकल माफिया के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (DElEd) की परीक्षा में धांधली करने में शामिल था। पुलिस और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) की संयुक्त कार्रवाई में इस गिरोह को रंगे हाथों पकड़ा गया, जिससे शिक्षा प्रणाली में फैली भ्रष्टाचार की एक बड़ी कड़ी का खुलासा हुआ है।

आजमगढ़ में DElEd की परीक्षा चल रही थी, जिसमें इस गिरोह ने व्यापक पैमाने पर नकल कराने की योजना बनाई थी। पुलिस को इस बात की पुख्ता जानकारी मिली थी कि कुछ लोग परीक्षा में नकल कराने के लिए सक्रिय हैं। इसी सूचना के आधार पर एसओजी और पुलिस की टीम ने कार्रवाई की और मौके पर पहुंचकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार किए गए माफिया के सदस्यों के पास से कई फर्जी दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, और अन्य सामग्रियां बरामद की गई हैं, जिनका इस्तेमाल नकल कराने के लिए किया जा रहा था। इन लोगों ने छात्रों से भारी रकम लेकर उन्हें परीक्षा में पास कराने का वादा किया था। पुलिस की इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि ये लोग नकल माफिया का हिस्सा हैं, जो लंबे समय से शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने में जुटे थे।

यह गिरोह न सिर्फ DElEd की परीक्षा में बल्कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अपनी गहरी पैठ बना चुका था। उनके नेटवर्क की जड़ें कई जिलों में फैली हुई थीं, जिससे वे बड़ी संख्या में छात्रों को फंसाने और उनसे धन उगाही करने में सफल हो रहे थे।

पुलिस की इस कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों ने इस मामले की गहराई से जांच कराने की बात कही है, ताकि इस गिरोह के सभी सदस्यों और उनके साथ जुड़े अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया जा सके।

नकल माफिया का इस तरह का खुलासा उत्तर प्रदेश में परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। यह घटना शिक्षा जगत के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि नकल माफिया जैसे गिरोहों पर कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई की जरूरत है, ताकि शिक्षा की पवित्रता को बनाए रखा जा सके।

यह गिरफ्तारी शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पुलिस और प्रशासन की सख्ती से उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगेगी और छात्रों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अपनी योग्यता साबित करने का मौका मिलेगा।

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