स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक में रचा इतिहास: जीता कांस्य पदक, पीएम मोदी ने दी बधाई

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1अगस्त। स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन (3पी) स्पर्धा में पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के एथलीट स्वप्निल ने इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट अनुकूलता और सटीकता का प्रदर्शन किया। उन्होंने लगातार रैंकिंग में ऊंचाई हासिल करते हुए 451.4 अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया और भारत के लिए कांस्य पदक जीता। यह पेरिस ओलंपिक में भारत का तीसरा पदक है, और खास बात यह है कि सभी पदक निशानेबाजी स्पर्धाओं से आए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वप्निल कुसाले की इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा:

“स्वप्निल कुसाले का असाधारण प्रदर्शन! पेरिस ओलंपिक 2024 में पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई। उनका प्रदर्शन विशिष्ट है, क्योंकि उन्होंने अत्यधिक दृढ़ता और कौशल का प्रदर्शन किया है। वे इस श्रेणी में पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट भी हैं। प्रत्येक भारतीय खुशी से भर गया है।”

क्वालीफाइंग राउंड में स्वप्निल का प्रदर्शन
स्वप्निल कुसाले ने क्वालिफिकेशन स्टेज में 7वें स्थान पर रहते हुए फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने कुल 590 अंक प्राप्‍त किए और लगातार बेहतर प्रदर्शन से इस स्‍पर्धा के शीर्ष दावेदारों में अपनी जगह बनाई। फाइनल में उन्होंने अपने कौशल और अनुभव का बेहतरीन उपयोग किया और कांस्य पदक अपने नाम किया।

भारत की निशानेबाजी में नई उम्मीदें
स्वप्निल कुसाले की इस ऐतिहासिक जीत से भारतीय निशानेबाजी में नई उम्मीदें जागी हैं। उनकी सफलता ने भारतीय निशानेबाजों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई प्रेरणा का काम किया है। यह पदक न केवल स्वप्निल की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय खेल जगत के लिए एक गर्व का क्षण भी है।

उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए सराहना
स्वप्निल कुसाले की इस जीत को निशानेबाजी समुदाय और खेल प्रेमियों द्वारा खूब सराहा जा रहा है। उनके अनुकरणीय प्रदर्शन ने न केवल देश को गर्व से भर दिया है बल्कि आने वाले एथलीटों के लिए भी प्रेरणा का काम किया है। इस जीत के साथ, स्वप्निल ने साबित कर दिया है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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