गाली सुनने को तैयार हैं, लेकिन देश में जातीय जनगणना को लेकर संकल्पित: मल्लिकार्जुन खड़गे

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31 जुलाई। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जातिगत-जनगणना को लेकर मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया। उन्होंने इस पोस्ट में जातीय जनगणना के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर पूरी तरह से संकल्पित है और इसके लिए किसी भी प्रकार की आलोचना या गाली को सहन करने के लिए तैयार है।

जातीय जनगणना की आवश्यकता पर बल
खड़गे ने लिखा, “मैं भारतीय हूं और दलित भी हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि हम कितने हैं। मैं आदिवासी हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि हम कितने हैं। मैं ओबीसी हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि हम कितने हैं। आज हमें यह आंकने की आवश्यकता है कि इस देश की तरक्की में हमारी कितनी भागीदारी है। बीजेपी-आरएसएस की योजना है कि वे हमें पिछड़ा बनाए रखें और आरक्षण जैसे हमारे अधिकारों पर कब्जा कर लें।”

बीजेपी और आरएसएस की आलोचना
खड़गे ने आगे कहा, “बीजेपी और आरएसएस का विश्वास मनुस्मृति पर है, जबकि उन्हें बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर के संविधान पर कोई भरोसा नहीं है। वे इस देश पर 5000 साल पुराने सामाजिक शोषण को जारी रखना चाहते हैं। जाति-जनगणना की आवश्यकता है ताकि हाशिए पर पड़े लोगों का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण किया जा सके।”

संसद में हंगामा
मंगलवार को संसद में जाति-जनगणना को लेकर भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जाति जनगणना की मांग की, जबकि बीजेपी नेता व पूर्व मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस पर एक विवादास्पद बयान दिया। ठाकुर ने कहा, “जिनकी जाति का पता नहीं, वे जातिगत जनगणना की बात कर रहे हैं।” उनके इस बयान से सदन में हंगामा मच गया और कांग्रेस नेताओं ने इसका विरोध किया।

राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें किसी भी अमर्यादित टिप्पणी से फर्क नहीं पड़ता और उन्होंने कहा, “मुझे आपकी माफी की आवश्यकता नहीं है। अगर हमें समाज में चहुंओर विकास देखना है, तो हमें यह जानना होगा कि किस जाति में कितनी गरीबी है, जिसके लिए जातिगत-जनगणना कराना आवश्यक है।”

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