पांच लाख श्लोकों वाले “महाभारत”का सार मात्र नौ पंक्तियों में !!

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कुमार राकेश
कुमार राकेश

प्रस्तुति -: कुमार राकेश
चाहे आप हिंदू हों या किसी अन्य धर्म से,चाहे आप महिला हों या पुरुष, चाहे आप गरीब हों या अमीर, चाहे आप अपने देश में हों या विदेश में, संक्षेप में कहा जाये तो आप किसी जाति , धर्म ,वर्ग से हो यानी यदि आप एक इंसान हैं, तो नीचे दिए गए सनातन हिंदू के इस महाग्रंथ “महाभारत” के अनमोल “नौ मोतियों को पढ़ें,समझें और अपने जीवन को सफल बनाने के लिए आत्मसात् करे ।फिर आजीवन शांति ,सुख ,समृद्धि,संतुष्टि के साथ परम आनंद की अनुभूति महसूस करे !

1. अगर आप समय रहते अपने बच्चों की अनुचित मांगों और इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं रखते हैं, तो आप जीवन में असहाय हो जाएंगे… “कौरव”
2. आप चाहे कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों, अगर आप अधर्म का साथ देंगे, तो आपकी ताकत, हथियार, कौशल और आशीर्वाद सब बेकार हो जाएंगे… “कर्ण”
3. अपने बच्चों को इतना महत्वाकांक्षी न बनाएं कि वे अपने ज्ञान का दुरुपयोग करें और कुल विनाश का कारण बनें… “अश्वत्थामा”
4. कभी भी ऐसे वादे न करें कि आपको अधर्मियों के सामने आत्मसमर्पण करना पड़े… “भीष्म पितामह”
5. धन, शक्ति, अधिकार का दुरुपयोग और गलत काम करने वालों का समर्थन अंततः पूर्ण विनाश की ओर ले जाता है… “दुर्योधन”
6. सत्ता की बागडोर कभी भी किसी अंधे व्यक्ति को न सौंपें, अर्थात जो स्वार्थ, धन, अभिमान, ज्ञान, आसक्ति या वासना से अंधा हो, क्योंकि यह विनाश की ओर ले जाएगा…”धृतराष्ट्र”
7. यदि ज्ञान के साथ बुद्धि भी हो, तो आप निश्चित रूप से विजयी होंगे…”अर्जुन”
8. छल आपको हर समय सभी मामलों में सफलता नहीं दिलाएगा… “शकुनि”
9. यदि आप नैतिकता, धर्म और कर्तव्य को सफलतापूर्वक बनाए रखते हैं, तो दुनिया की कोई भी शक्ति आपको नुकसान नहीं पहुँचा सकती—“युधिष्ठिर”
तो ये हैं वो नौ मूल मंत्र जिस पर अमल करके आप अपने जीवन में सुख व असीम ऊर्जा का आनंद उठा सकते हैं।
“सर्वे भवन्तु सुखिन,
सर्वे सन्तु निरामयाः,न
सर्वे भद्राणि पास्यंतु,
मां कश्चित दुःख भाग भवेत्।।

प्रस्तुति -:कुमार राकेश

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