राजभवन में स्काउट एवं गाइड के राज्य पुरूस्कार वितरण समारोह का आयोजन, राज्यपाल अनुसुईया उइके ने वितरित किए प्रमाणपत्र
समग्र समाचार सेवा
इंफाल, 19 अक्टूबर। राजभवन दरबार हाल में स्काउट एवं गाइड के राज्य पुरूस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया जिसमें राज्यपाल मणिपुर अनुसुईया उइके ने 14 स्काउट,2 रोवर और 17गाइडों को उत्कृष्टता पुरूस्कार प्रमाणपत्र वितरित किये गये।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राज्य के शिक्षामंत्री बसंतकुमार सिंह, जे.पामेई,विधायक तमेन्गलोंग,सुशील कुमार,स्टेट चीफ कमिश्नर, प्रेमजीत रिटायर्ड वीसी, मुकुन्दो सीनियर स्काउट एवं स्वामी विद्यानंदा रामकृष्ण मिशन उपस्थित थे। आमंत्रित नागरिकों, पालकों, शिक्षकगण, और सम्मानित नागरिक, पालकगण उपस्थित थे। आज
कार्यक्रम को विधायक एवं मंत्री ने संबोधित किया। मंत्री ने अपने बचपन में स्काउट में भाग लेने और इसके लाभों से अवगत कराया। साथ स्काउट के लिये चार लाख की राशि स्वीकृत करने की सूचना देते हुए भविष्य में भी पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में राज्य स्तरीय पुरूस्कार प्राप्त करने वाले स्काउट गाईड को शुभकामनाएॅं दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने आगे कहा कि स्काउट गाईड का उद्देश्य छात्रों में मानवीय गुणों का विकास, संस्कारित नागरिक बनाना, नेतृत्व क्षमता विकसित करना और साहसिक कार्यक्रमों में भागीदारी सुनिश्चित करना है।
स्काउटिंग के तीन सिद्धांत हैं : ईश्वर के प्रति कर्तव्य, दूसरों के प्रति कर्तव्य, स्वयं के प्रति कर्तव्य। मुझे विश्वास है कि आज इन उद्देश्यों की पूर्ति और सिद्धांतों का पालन स्काउट एवं गाईड द्वारा सफलतापूर्वक किया जा रहा है।
स्काउट गाईड के इतिहास से अवगत कराते हुए कहा कि इसकी शुरुआत ब्रिटेन में सर बेडेन पावेल ने की थी। यह संस्था धीरे-धीरे विभिन्न देशों में फैलने लगी। भारत में स्काउटिंग की शुरुआत लगभग 1909 में हुई और भारत 1938 में स्काउट आंदोलन के विश्व संगठन का सदस्य बना। भारत में स्काउट गाईड की शुरूआत बैंगलोर के बिशप काटन बायज स्कूल में न्यायमूर्ति विवियन बोस, मदन मोहन मालवीय, हृदयनाथ कुंजरू, गिरिजा शंकर बाजपेयी, एनी बेसेंट और जार्ज अरुंडेल द्वारा की गई। इस संस्था में वी.के.कृष्णा मेनन, एस.वी. कामत, के.बी. गोदरेज, रुस्तमजी, डा. मोहन सिंह मेहता, जानकी न्यायमूर्ति एम.हिदायतुल्लाह जैसे विद्वान जुडे़ रहे हैं। इतने महान व्यक्तियों के जुड़े होने से आप इस संस्था के महत्व को आसानी से समझ सकते हो।
उन्होंने आगे कहा कि प्रारंभ में स्काउट की शुरूआत लड़कों के लिए की गई थी किन्तु बाद में इसके उद्देश्य और सफलता को देखते हुए इसे लड़कियों के लिए भी गाइड के रूप में शुरूआत की गई। भारत में स्काउट्स और गाइड्स का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। देश की आजादी के बाद भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री एवं तत्कालीन राष्ट्रीय नेताओं द्वारा इसके विकास के लिये लगातार प्रयास किए गए।
स्काउट गाईड के सभी संगठनों को एक करने के लिये 29 मई 1948 को एक बैठक आयोजित की गई और इसकी अध्यक्षता तत्कालीन शिक्षामंत्री श्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने की थी। इस बैठक में तय किया गया कि स्काउट/गाइड राजनीतिक, सांप्रदायिक पक्षपात से मुक्त होकर कार्य करेगा और भारत स्काउट गाइड नाम से एक संस्था गठित कर कार्य प्रारंभ किया गया।
भारत स्काउट्स एंड गाइड्स देश का सबसे बड़ा स्वैच्छिक, गैर-राजनीतिक, वर्दीधारी युवा संगठन और शैक्षिक आंदोलन है जो जाति, पंथ और धर्म के भेदभाव के बिना युवायों के चरित्र निर्माण के क्षेत्र में काम करता है। यह जानकर बहुत संतोष हुआ कि स्काउट गाईड मणिपुर में युवाओं के चरित्र निर्माण में सक्रिय और महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और सद्भाव, भाईचारे, धर्म निरपेक्षता को मजबूत करने में योगदान दे रहा।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से मणिपुर मई में हुए जातीय संघर्ष के कारण अशांति के दौर से गुजर रहा है। स्काउट गाईड अपने उददेश्यों के अनुरूप समाज में शांति सदभाव, भाईचारा स्थापित करने में सहयोग कर सकते हैं। मैं चाहॅूंगी कि आप सब मिलकर इस मुद्दे को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने का प्रयास करें।
मणिपुर स्काउट्स एंड गाइड्स ने राज्य में स्वच्छ भारत मिशन, स्काउट मास्टर्स और गाइड के लिए एडवांस कोर्स, राज्य के बाहर विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्रो, राष्ट्रीय स्तर पर भाग लेने सहित कोरोना के समय भी मरीजों की सेवा के कार्य किये हैं और समय समय पर पुलिस प्रशासन को भी व्यवस्था बनाने में सहयोग जैसी कई गतिविधियों को अंजाम दिया है।
मणिपुर स्काउट्स और गाइड्स से अपील की, कि वे युवाओं को प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें और मणिपुर राज्य में शांतिपूर्ण माहौल बनाने में अपना सहयोग दें। लोगों के मन से भय और वैमन्स्यता को समाप्त करने के लिये प्रयास करें। मानसिक रूप से लोगों की समस्याओं को दूर करें।