समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर। डाग ट्रेनर ने कुत्ते को गेट पर लटका कर फांसी दे दी. ये मामला मध्य प्रदेश के भोपाल का है. बताया जा रहा है कि ये कुत्ता पाकिस्तान से मंगवाया गया था. एक विशेष नस्ल का कुत्ता था. क्या कोई ऐसे ही किसी जानवर को फांसी पर लटका सकता है? किसी जानवर को प्रताड़ित कर सकता है? उसे जान से मार सकता है? हम आपके सवाल का जवाब दें, उससे पहले पूरा मामला जान लीजिए.
क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश का रहने वाले निलेश जयसवाल ने पाकिस्तानी बुल नस्ल का एक कुत्ता खरीदा था. उसका नाम सुल्तान रखा था. कुत्ते को ट्रेन करने के लिए तीन ट्रेनर रखा. उनके नाम रवि, नेहा तिवारी और तरुण दास हैं. सितंबर में ट्रेनिंग पूरी होनी थी. निलेश सितंबर में अपने कुत्ते को लेने गए, लेकिन रवि ने उसे ये कहते हुए कुत्ता देने से इनकार कर दिया कि अभी ट्रेनिंग अधूरी है. 9 अक्टूबर को रवि ने निलेश को बताया कि कुत्ते की मौत हो गई है. 11 अक्टूबर को निलेश ने पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने जब सेंटर का सीसीटीवी चेक किया तो सारा सच सामने आ गया. CCTV फुटेज देखने पर पता चला कि तीनों ने ही कुत्ते को गेट पर लटका कर फांसी दी थी. पुलिस मामले में पूछताछ कर रही है. आइए जानते हैं कि हमारे देश में पशुओं की रक्षा के लिए क्या कानून कायदे हैं.
पशुओं की रक्षा के लिए कौन सा कानून है?
भारत में साल 1960 में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए एक कानून लाया गया. नाम है- पशु क्रूरता निवारण अधिनियम. इस कानून का उद्देश्य पशुओं के उत्पीड़न को रोकना है. इसमें जानवरों की रक्षा के लिए कई तरह के प्रावधान हैं. अगर कोई पशुओं को मारता पीटता है, उसका उत्पीड़न करता है, हत्या करता है, या फिर आवारा छोड़ना, इलाज न करना जैसे कृत्य के खिलाफ प्रावधान हैं.
अगर कोई पशुओं के साथ क्रूरता करता है तो ये भी अपराध है. इस तरह के मामले में दोषी को तीन साल तक की जेल हो सकती है. साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है.