समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22अगस्त। जिस तरह सावन का सोमवार भगवान शिव को समर्पित है, उसी प्रकार सावन का प्रत्येक मंगलवार माता गौरी को समर्पित है और इस दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. यह व्रत सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना और दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए रखती हैं. पंचांग के अनुसार आज यानि 22 अगस्त को सावन का आठवां मंगला गौरी व्रत रखा जा रहा है. इस व्रत को रखने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. आइए जानते हैं मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि और पूजा के बाद जरूर करें आरती.
मंगला गौरी पूजा विधि
मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करें. इसके बाद मंदिर को स्वच्छ करें और गंगाजल छिड़कें. फिर एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर माता गौरी और भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद माता गौरी को लाल रंग के वस्त्र या लाल चुनरी पहनाएं और सुहाग की सामग्री अर्पित करें. फिर सिंदूर का तिलक करें और घी का दीपक जलाएं. सावन में मंगला गौरी व्रत के दिन माता गौरी को चढ़ाई जाने वाली पूजा सामग्री में पान, सुपारी, लौंग, इलाचयी और फूल आदि अवश्य शामिल करें. इसके बाद मंगला गौरी व्रत कथा पढ़े और आरती करें.
मंगला गौरी आरती
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता
ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता। जय मंगला गौरी…।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय मंगला गौरी…।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है,
साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था। जय मंगला गौरी…।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता। जय मंगला गौरी…।
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता। जय मंगला गौरी…।
सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता। जय मंगला गौरी…।
देवन अरज करत हम चित को लाता,
गावत दे दे ताली मन में रंगराता। जय मंगला गौरी…।
मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता
सदा सुख संपति पाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।