रोहित की मौत के बाद अब क्या होगा एनडी तिवारी विरासत का

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नयी दिल्ली/ लखनऊ। पूर्व राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कभी उत्तरप्रदेश के सबसे ताकतवर लोकप्रिय और असरदार नेता रहे  स्व. नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की अचानक हुई मौत से उनके पैतृक जिले नैनीताल में भी हर कोई अवाक और हैरान है। चारों तरफ मातम है। क्योंकि रोहित एक दिन पहले ही नैनीताल से दिल्ली वापस लौटे थे। रोहित अपनी मां उज्जवला के साथ 11 अप्रैल को अपना वोट देने के लिए हल्दूचौड़ आए हुए थे. यहां उन्होंने वोट किया और साफ-साफ कहा कि वो कांग्रेस को वोट करने आए हैं. रोहित का हल्दूचौड़ आकर नैनीताल लोकसभा के लिए वोट करना खासा चर्चा में था. क्योंकि लोग उन्हें एनडी तिवारी का राजनीतिक उत्तराधिकारी मान कर उनमें दिवंगत तिवारी की छवि देखते थे.
यही नहीं साल 2017 में रोहित ने लालकुआं विधानसभा से बीजेपी और कांग्रेस दोनों से ही टिकट के लिए काफी कोशिश भी की थी. लेकिन टिकट न मिलने और उसके बाद पिता एनडी तिवारी की खराब तबियत और उनकी मौत ने रोहित की कोशिशों पर विराम  लगा दिया था। हालांकि 11 अप्रैल को उनके वोट डालने आने के बाद पूरे इलाके में इसकी चर्चा होने लगी थी कि रोहित अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने को लेकर काफी उत्साहित और गंभीर है।  ऐसे में रोहित की अचानक हुई मौत से कई सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर रोहित की एकाएक मौत के बाद एनडी तिवारी की राजनीतिक विरासत अब कौन संभालेगा ?. रोहित की मां उज्ज्वला तिवारी के लिए पति की मौत के बाद बेटे की मौत गहरा सदमा आघात है। वहीं केवल एक साल पहले ही पिछले साल अप्रैल 2018 में रोहित की पत्नी अपूर्वा शुक्ला का अब क्या होगा? जिनकी सगाई पिछले साल सात अप्रैल 2018 को एनडी तिवारी की उपस्थिति में हुई थी। जबकि मई 2018 में रोहित की पत्नी बनकर अपूर्वा शुक्ल तिवारी बन गयी थीं।।।।।

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– कोर्ट से बेबस होकर DNA  देने के लिए तैयार हुए थे एनडी

नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर का मंगलवार को दक्षिण दिल्ली के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया. नारायण दत्त तिवारी भारत के ऐसे इकलौते नेता हैं , जिन्हें दो राज्यों के मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला।
सन् 2007 से 2009 के बीच वे आंध्र प्रदेश के गवर्नर भी रहे थे। लेकिन राजनिवास के भीतर ही एक कथित सेक्स स्कैंडल में नाम आने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।हालांकि, राजनैतिक बीच बचाव और कथित तौर पर सार्वजनिक कलंक से बचने बचाने की तमाम कोशिशों के बावजूद दिलफेंक एनडी की छवि बाहर हो गई। हालांकि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर एनडी इस्तीफा देकर  देहरादून में शिफ्ट हो गए। दरअसल, 2009 में जब वे राज्यपाल थे उस दौरान एक महिला के साथ उनका एक कथित वीडियो सामने आया था, जिसमें वह महिला के साथ अपने बिस्त पर  आपत्तिजनक स्थिति में थे।

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 – जब DNA रिपोर्ट से साबित हो गया एनडी तिवारी ही हैं रोहित शेखर के बायोलॉजिकल पिता
नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर का मंगलवार को दिल्ली के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया. नारायण दत्त तिवारी के बेटे कहलाने के लिए रोहित शेखर को लंबे समय तक कानूनी संघर्ष करना पड़ा था.
रोहित शेखर ने दावा किया था कि एनडी तिवारी उनके जैविक पिता हैं और इसे साबित करने के लिए उन्होंने साल 2008 में कोर्ट में मुकदमा दायर किया था, जिस पर कोर्ट ने डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया था. पहले तो एनडी तिवारी ने डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल देने से इनकार कर दिया था लेकिन बाद में कोर्ट की सख्ती के आगे इसके लिए तैयार हुए।  साल 2012 में दिल्ली हाईकोर्ट ने तिवारी की डीएनए रिपोर्ट के रिजल्ट की घोषणा करते हुए कहा था कि नारायण दत्त तिवारी ही दिल्ली निवासी रोहित शेखर के बायोलॉजिकल पिता हैं। कोर्ट के आदेश पर रोहित को एनडी का वैधानिक पुत्र के सारे मान सम्मान और अधिकार प्रदान कर करने का निर्देश दिया। जिसके बाद 88 साल की उम्र में एनडी ने उज्ज्वला से विवाह करके रोहित को अपने पुत्र होने का अधिकार और सम्मान सामाजिक तौर पर प्रदान कर दिया।
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 नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर को पड़ा दिल का दौरा, मौत*

कांग्रेस के दिवंगत नेता नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. बताया जाता है कि उन्हें दिल्ली के मैक्स साकेत अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर  दी।

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