घाटे के दो दशक के बाद मैकडोनाल्ड को लाभ का सुगंध /अनामी शरण बबल

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मैकडी यानी मैकडोनाल्ड  के भारत में नुकसान की काली कहानी: नयी दिल्ली। आधुनिक भारत के मुहावरे को परिभाषित करने के लिए मॉल मेट्रो मोबाइल मल्टीप्लेक्स मल्टीनेशनल  मल्टी स्टोरी बिल्डिंग मोटर मनी और  मैकडोनाल्ड उर्फ  मैकडी मेनटेनेलिटी कल्चर का नया मुहावरा युवाओं में काफी लोकप्रिय है। मैकडोनाल्ड का बर्गर फ्राईज और कोक  यूथ का सबसे पसंदीदा आल टाईम सदाबहार आहार बन चुका है। दर्जन भर विदेशी लोकप्रिय रेस्तरांओ की भारत में बेहतरीन मौजूदगी के बावजूद मैकडोनाल्ड आज़ भी खासकर यूथ और बच्चों में काफी लोकप्रिय है। बोर्ड और स्कूली परीक्षाओं में 90% से अधिक नंबर लाने वाले हजारों बच्चों को मुफ्त में बर्गर कोक आईसक्रीम और कोई गिफ्ट की परम्परा ने बच्चों को दीवाना बना दिया था। पिछले दो दशक से भारत में बेहतरीन प्रदर्शन और लोकप्रिय होने के बावजूद नुकसान में संचालित मौकडोनाल्ड करीब बीस साल के बाद पहली बार मुनाफा कमाने का उल्लेख किया है।  कंपनी ने वित्त वर्ष 2017-18 में 65.2 लाख। रूपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया है। इसके पिछले साल मैकडी को करीब 300 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। मैकडोनाल्ड को पहली बार यह शुद्ध लाभ उस समय आया है जब देश में उसके मुख्य पार्टनर में से एक से विवाद अदालत में है। शिकागो मुख्यालय ने चालू वित्त वर्ष में बदलते मॉल कल्चर में यूथ की बढ़ती संख्या से अब प्रोफिट की संभावना प्रकट की है। मैंकड़ी अपने कारोबार का यह ताजा आंकड़ा रजिस्ट्रार आफ कंपनीज के पास मैकडोनाल्ड की ताजातरीन वित्तीय फाइलिंग में उल्लेखित है। भारत में इसके दो पार्टनर है। कनाट  प्लाजा नार्थ और ईस्ट के रेस्तरां का बिजनेस देखती है। वेस्ट लाइफ डेवलेपमेंट पश्चिम और दक्षिण भारत के कारोबार को देखता है।      भारत में मैकडोनाल्ड 1996 में आया और तब से लेकर अबतक कंपनी को 421 करोड़ का घाटा हो चुका है। पिछले साल के लाभांश को सकारात्मक ढंग से ले रही है। मैकडोनाल्ड प्रवक्ता ने भरोसा जताया है कि कंपनी अपनी गिरावट को रोकने में सफल रही है। कंपनी को आठ फीसदी का लाभ 119 करोड़ हो गया है जो रायलटी के मार्फत आया है। रजिस्ट्रार आफ कंपनीज को दिए दस्तावेज में लाईसेंसी भागीदार के साथ किया हुआ करार के तहत पूंजी डूब गया है। अपने ज्वाइंट वेंचर मैनेजिंग डायरेक्टर पद से बख्शी को हटा दिया गया था। तभी से कानूनी लडाई जारी है। प्रबंधन के बीच जारी विवाद और मतभेद के बावजूद घाटे से उबरने का यह नया ट्रेंड मैकडोनाल्ड के लिए काफी उत्साह वर्धक है। और लगता है कि विवादों के बावजूद 500 से अधिक रेस्तरांओं वाले मैकडोनाल्ड के अच्छे दिन करीब आने वाले हैं।।

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