छठ पूजा की परंपरा कभी ख़त्म न होई !

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अहाँ सब के आय एके साथ टोक्यो जापान में देख के मन महो महो हो गेल ।

बिहार झारखंड एसोसिएशन ऑफ़ जापान के बैनर तले सभी प्रवासी बिहारियो ने 18 नवंबर शाम 5 बजे फुनाबोरी Isckon मंदिर के वैदिक कल्चरल हॉल में छठी मईया की पूजा अर्चना की । हालांकि बहुत प्रयास और खोजबीन के बाद भी हमें एक भी व्रती जापान में नही मिल पाए , जिनके पास हमलोग अर्घ्य देने जा पाते । जापान में रहने वाले हम जैसे प्रवासी बिहारी छठ पूजा की महत्ता को समझते है लेकिन कई बार अपने अपने काम के प्रेशर या किसी अन्य कारण से हम छठ पूजा के अवसर पर अपने गाँव अपने शहर में जाकर परिवार संग छठ पूजा में नहीं मना पाते है। बस इस आश में रहते कि कोई बिहार झारखंड से वापस जापान आए तो छट का प्रसाद मिल जाएगा। आज हमसब के सामूहिक प्रयास से यह सम्भव हो पाया है, हमने बिहार से अपने साथियों (नताशा जी ,प्रदीप जी एवं दिलीप जी) द्वारा छठ पूजा के प्रसाद को यहाँ मँगवा कर अपने सभी साथियों में वितरित किया गया।

पूजा अर्चना के बाद छठी मईया और दीनानाथ भगवन की जय जयकार के बाद सबका परिचय का दौर चला । हमारी कोशिश रही की सभी बंधू अपना परिचय अपने क्षेत्रीय भाषा में ही दे , देखकर दिल बाग़ बाग़ हो गया जब सभी सदस्य एकदम फ्लो में मैथिलि , भोजपुरी , अंगिका आदि भाषा में एकदम फर्राटे से बात किये जा रहे थे ..वो खुश थे , उनकी ख़ुशी उनके चेहरे और वाणी से साफ़ झलक रही थी . बहुतो का ये मानना था की कभी सोचे न थे अपने राज्य बिहार से इतनी दूर बिहारीपन के इस एहसास को महसूस करने को मिलेगा ।

अपनी बात को रखते हुए सबका मानना था की छठ एक सांस्कृतिक एवं पारिवारिक महापर्व है जिसमे पूरे परिवार की सहभागिता आवश्यक है । एक ऐसा महापर्व जिसमे रिश्ते , समाज आदि को बचाने की कवायद नही होती महती कारक होता है अपनी प्राकृतिक माँ को बचाने की । शारीरिक , मानसिक , अध्यात्मिक एवं सामाजिक सुचिता से भरा हम प्रवासी बिहारियों का छठ पर्व का अनुभव काफी अलग एवं मनमोहक रहा ।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हमारे कार्यकर्ता बंधू का महती योगदान रहा ! राजा आनंद विजय सिंह , विकास रंजन , ज्योति किरण , वर्तिका, प्रदीप शरण , बिकास , नताशा , मुकेश गुप्ता , आशुतोष , ललित , अनिल मिश्रा , प्रणव , ज्ञानेश्वर , प्रशांत यादव , सोनल , शिखा , रूचि , चन्दन , अजित , सद्दाम हुसैन , फ़र्ज़न , आबिद , आया , अनोद-रूचि , चित्तरंजन , विवेक , पंकज , बन्दना तिवारी , अवनीश , अभिजीत , रागिनी , रंजना , कप्तान प्रीतीश , स्वेता , अजय , आशीष , अंकिता , निवेदिता , मंतोष , कुणाल , प्रेरणा , संजय तिवारी ,विनोद सौरव की उपस्थिति ने कार्यक्रम में चार चाँद लगाया । लगभग 70 से ज्यादा बिहारी पहली बार ऐसे किसी मौके पर जमा हुए थे और एक स्वर में अपने प्रदेश की बेहतरी और हमारे योगदान के लिए दृढ़संकल्प भी लिया गया ।

“बिहार एवं झारखंड असोसीएशन- जापान“ की तरफ़ से आज के कार्यक्रम में आने वाले सभी साथियों का दिल से धन्यवाद।  ज्ञातव्य हो की इस एसोसिएशन की तरफ से हाल फिलहाल नमस्ते इंडिया इवेंट में अपने प्रदेश की कलाकृति , झांकी की प्रस्तुति करते हुए बिहार राज्य का स्टाल भी लगाया था , जिससे यहाँ रह रहे अलग राज्य के लोग काफी प्रभावित भी हुए थे । हाँ मैं बिहारी हूँ के सामूहिक गान को भी सोशल मीडिया में लोगो ने काफी सराहा था ।   उसके पहले लिट्टी चोखा पर चर्चा , छोटे छोटे प्रेजेंटेशन डिस्कशन आदि भी की गयी है । आशा करते है कि आने वाले समय में हम सब मिलकर अपने देश अपने राज्य के विकास में अपना हर सम्भव योगदान करते रहेंगे।

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