बिहार पुलिस और सुशासन कुमार को शर्मसार करती फरार पूर्व मंत्री मंजू वर्मा /अनामी शरण बबल

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बिहार के सुशासन राज की फरार अपराधी मंजू वर्मा प्रकरण

बिहार के पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यानी सुशासन कुमार के मुंह पर कालिख पोत दी हैं। मुजफ्फरनगर शेल्टर होम में अपरोक्ष रूप से अपने पति के साथ शामिल समाज कल्याण मंत्रालय की मंत्री मंजू वर्मा का मुख्यमंत्री खुलकर बचाव करते रहे। आर्म्स एक्ट के तहत अभियुक्त बनी और मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में इनके पति की दलाल भूमिका को लेकर मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था। पटना में रहती हुए भी मंजू को लेकर सब कुछ सामान्य चल रहा था। मगर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और 26 नवम्बर को मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को कोर्ट में तलब किए जाने के बाद सुशासन सरकार जागी और पुलिस खोजबीन  कुर्की जब्त करने लगी है। बिहार की एक पूर्व अभियुक्त मंत्री एक माह से फरार लापता होने के बाद भी इसकी कोई जानकारी मुख्यमंत्री विधानसभा अध्यक्ष और सचिव समेत पुलिस तक को नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट में तलब किए जाने के बाद मंजू वर्मा को जेडीयू से निलंबित किया गया। ==== सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने के साथ ही बिहार के भीतर की पोल खुल गयी। हैरान अचंभित कोर्ट ने सूबे की हालत पर नाराजगी जाहिर की। एक पूर्व मंत्री की फरारी और ढेरों शेल्टर होम की हालात पर भी कोर्ट दंग रह गया है। अगली सुनवाई में पुलिस प्रमुख और मुख्य सचिव को तलब करने के फरमान के बाद मंजू वर्मा की फरारी के पीछे पुलिस लग गयी है। मोटे तौर पर आधा दर्जन टीमें गोपनीय संदेश जानकारी मोबाइल नंबरों के आधार पर मंजू और इनके रिश्तेदारों की पड़ताल में लगी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस मंजू वर्मा के पीछे लगी है और खुफिया सूत्रों और सूचनाओं के आधार पर वे हमारे राडार पर है। उन्होंने कहा कि इस बाबत और जानकारी खोलकर पुलिस कोई मौका नहीं देना चाहती है। मंजू के संपर्कों में रहे कुछ और भी लोगों पर पुलिस लगी है जो इनको छिपाने में सहायक हो रहे हैं। पुलिस सूत्रों का दावा है कि अगले 72 घंटे के भीतर वे पुलिस की पकड़ में होंगी। सूत्रों के मुताबिक करीब 50 से भी अधिक लोगों के फोन और गतिविधियों और परिजनों की भी निगरानी की जा रही है। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले पूर्व मंत्री को हिरासत में ले लेने का दावा किया। उधर बेगूसराय के मंझौत अनुमंडल न्यायालय के आदेश पर मंजू वर्मा के कई घरों संपत्तियों की तोड़फोड़ और जब्ती कार्रवाई देर रात तक जारी है। और भी कई टीम मंजू वर्मा के पीछे लगी है भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक एक दर्जन लोगों के आवास पर भी खुफिया टीम सक्रिय हैं जिन्होंने मंजू वर्मा को छिपाने में मददगार साबित हो रहे हैं। पूरे बिहार में कोई 200 से अधिक लोगों से भी पूछताछ की जा रही है जिनको मंजू वर्मा के करीबी सहयोगी माना जाता है। पूरे सूबे सहित अन्य शहरों में भी खबरचियों को सतर्क कर दिया गया है। और प्रशासनिक स्तर पर मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के अलावा अन्य शेल्टर होम की ताजातरीन हालात का रिपोर्ट बनाया जा रहा है। पिछले तीन माह की कार्यवाही को भी फाईनल आकार देने की तैयारी हो रही है। यानी सुप्रीम कोर्ट में सूबे के पुलिस और प्रशासनिक विभाग के सबसे बड़े अधिकारी अपनी खाल बचाने में लगे हैं। कोर्ट की फटकार और अपने खिलाफ किसी कार्यवाही से आशंकित ये अधिकारी सुशासन राज से ज्यादा अपने बचाव की कोशिश करेंगे। भले ही सुशासन कुमार और इनके कागजी दावे का राज बेपर्दा हो जाए। यानी सुशासन कुमार की साख संकट में है। देखना यही है कि मुख्यमंत्री की चहेती मंजू वर्मा को पुलिस पकड़ती है अथवा न्यायालय में आत्मसमर्पण करके पुलिसिया चौकसी पर पानी फेरकर बिहार पुलिस महानिदेशक को सुप्रीम कोर्ट में पानी-पानी करके ही बाज आएंगी??
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