तेजप्रताप ऐश्वर्या तलाकनामें की अंदरूनी कथा – व्यथा

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लारा के बागी बेटा तेज के आगे सब निस्तेज / अनामी शरण बबल ===============
बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के सबसे बड़े बेटे तेजप्रताप के बागी तेवर के सामने घर परिवार और ससुराल के सारे लोग निस्तेज है। पत्नी ऐश्वर्या सदमे में है। छोटा भाई अवाक् है लालू रांची कारावास में उच्च रक्तचाप और अवसाद में हैं। सभी बहनें कंट्रोल डैमेज में लगी हैं। और लारा की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का पूरा कुनबा अचंभित होकर पार्टी और अपने भविष्य को लेकर अधर में है। उधर तेज के तेवरों को देखते हुए खासकर बिहार में तीसरे मोर्चे का भविष्य अधर में है।
=  लारा के बेटे तेजप्रताप की शादी अपनी भव्यता के कारण लोगों को अभी तक याद है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत दारोगा प्रसाद राय की पोती ऐश्वर्या के साथ लालू यादव के बेटे तेज की शादी की अभी गूंज मंद भी नहीं पड़ी धीरज कि तेजप्रताप ने पटना सिविल कोर्ट में इकतरफा तलाक की अर्जी देकर सबों को चौंका दिया। इस शादी को बचाने के लिए लारा और राय परिवार एकजुट हो गया। मां राबड़ी देवी अपनी बहू ऐश्वर्या को संभालने में लगी हैं तो मशाल सहित सभी बहनों ने भी इस संकट को टालने में जुटी हैं। पूरा परिवार ऐश्वर्या के साथ है। तेज को मनाने की बजाय आत्मसमर्पण करके घर परिवार की इज्जत को बचाने की याचना में लगा है।  अपने पूरे परिवार को अपने खिलाफ मानकर बागी तेज का रौद्र रूप सामने है। रांची के जेल में बंद तेज के पिता लालू प्रसाद के साथ तेज की गरमागरम मुलाकात रही। जिसमें तेज फट पडे और अपने बेटे के बागी तेवर को  देखकर लालू अवसाद में हैं। सारी घटनाओं के लिए तेजप्रताप ने अपने पिता को जिम्मेदार ठहराया। तेज ने कहा कि मैं इस शादी का अंत अंत विरोध करता रहा और मेरे तमाम के बाद भुगतान सब इस शादी के लिए मुझपर दवाब बनाते रहे। बकौल तेजप्रताप मैं तो कृष्ण हूं पर ऐश्वर्या ही राधा नहीं है। शादी करके मेरी जिंदगी नारकीय हो गयी है। इस रिश्ते से मेरा दम घुटने लगा। और मैं इस रिश्ते को ढो नहीं सकता। अपनी तमाम कड़वाहट के बाद भी तेजप्रताप ने कहा कि मुझे भी अपनी पत्नी की हालत पर अफसोस है। उन्होंने कहा कि मेरी सारी बातें मीडिया के सामने आकर सबों के लिए मनोरंजन और हंसने का सबब बना हुआ है। तेज ने कहा कि मेरा पूरा परिवार दिखाने के लिए   ऐश्वर्या के साथ खडा है पर किसी को भी अपनी बहू की हालत पर से ना कोई हमदर्दी है और ना ही कोई उसका भला चाह रहा है। बकौल तेजप्रताप सबों को अपनी अपने परिवार की इज्जत की राजनीति की पार्टी की अपने हित की चिंता है कि क्या होगा। मेरे परिवार के सदस्यों को भी अपनी अपनी की पड़ी है। मगर मै और केवल मैं तेजप्रताप आज और अभी भी ऐश्वर्या के बेहतर भविष्य और कल को बचाने की कोशिश कर रहा हूं। सबों को लग रहा है कि मैं तलाक लेने के लिए उतावला हूं भी तो केवल ऐश्वर्या के हित के लिए कि वे जितना जल्दी हो सके पूरे मान सम्मान के साथ रिश्तों को त्याग दें। राजनीति में सारे लोग मुखौटा लगाकर केवल अपने हितों की रक्षा के लिए सब उलट पलट करते हैं। मगर मैं तो अपने पूरे परिवार से बगावत करके ऐश्वर्या को सही सलामत कुशलता के साथ बाहर निकालना चाहता हूं। ताकि कल भविष्य में उनको अपनी हालत पर मंथन करने का मौका मिले तब उसको ख्याल आए कि यदि मैं तलाक भी ले रहा हूं तो वह भी उसके हित के लिए ही सबकी नज़रों का अंगार बना हुआ हूं।
तेजप्रताप ने समग्र भारत के साथ बातचीत करते हुए दावा किया कि मीडिया में बहुत सारी बातें अफवाहों के आधार पर केवल मज़ाक उड़ाने के लिए भी लिखा जा रहा है। तेजप्रताप को खलनायक की तरह बताया भी जा रहा है इसके बावजूद मेरी पूरी सहानुभूति और ध्यान ऐश्वर्या पर ही है। हमदोनों का एक साथ निभाना कठिन है। हम दोनों के बीच सोसायटी गैप है। बात विचार सोच सबकुछ अलग है। कोई मेल ही नहीं है। आमतौर पर राजनीतिज्ञों के घर में महिला की भूमिका नहीं होती। इतना समय भी होता कि वे मनोवांछित समय और साथ ही दे। मेरी इन विवशता का अलग समाजशास्त्र है जिसमें निबाह सरल नहीं है। मैं दो चार साल के बाद भी तलाक की अर्जी देकर तलाक मांग सकता था पर तबतक काफी देर हो जाती और बाल-बच्चे हो जाने के बाद तो उनकी हालत और बुरी हो जाती न  साथ रहना सुहाता और न फौज लेकर बाहर निकलना ठीक लगता। उस समय किसी को भी उसके साथ सहानुभूति भी नहीं रहती। पर सारे शिकवे शिकायतों और पारिवारिक असंतोष के बाद भी जो भी क्या रहा हूं तो केवल उसके मान सम्मान और गरिमामय जीवन के लिए ही कर रहा हूं कि वे इन रिश्तों की वेदी पर अपना जीवन बर्बाद ना करें।
औ अपने पिता की हालत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मैं भी एक सामान्य लडके की ही तरह हूं। मैं भी अपने माता-पिता का पूरा सम्मान करता हूं। पर जबरन फैसला थोपने से अक्सर यही होता है। मेरा मन भी आहत होता है और सामाजिक छवि खराब होती है मगर मैं किसी की जिंदगी के सम्मान के लिए मैं कोई भी दाव खेल सकता हूं। राजनीतिक परिवार से हूं पर मैं दिल का इतना काला नहीं हूं का अपने लाभ के लिए किसी को बर्बाद कर दूं। मीडिया में छप रही इन खबरों को सरासर गप्प कहा है कि ऐश्वर्या अपने परिजनों के टिकट के लिए प्रेशर बना रही थी। बकौल तेज ये सब बकवास है। उनका कहना है कि यदि वे टिकट चाहते तो सीधे पापा से बात कर सकते थे और उनकी बातों को पापा कभी इंकार नहीं करते। तेजस्वी यादव के साथ अपने संबंधों को लेकर भी तेज ने कहा कि क्या घर में अपने परिजनों के सामने दो भाईयों को क्या कभी जोर-जबर झगड़ा करने का भी अधिकार नहीं है।  पार्टी में जिस भूमिका को तेजस्वी कर रहा है वह मेरे द्वारा ही प्रस्तावित किया गया था फ्रंट भूमिका उसको ही दी गयी है तो फिर कैसा जलन और कैसी जंग पर मीडिया वाले भी भाईयों में कलह और अलगाव चाहते हैं। परिवार का अभिभावक जेल में हैं और बीमार होने का किसी को मतलब नहीं है। सब हमलोग को सड़क पर देखना चाहते हैं। तेजस्वी की ही इच्छा थी कि ऐश्वर्या को सांसद बनाकर पार्टी का दायित्व सौंपा जाए। मगर रूचि में इतना विरोधाभास है कि उसपर जबरन कुछ नहीं दिया दिलाया जा  सकता है। पूरे प्रकरण में तेजस्वी अपने भाई के दांपत्य जीवन की रक्षा करने में जुटे हैं। अपने घर परिवार से भाग रहे तेजप्रताप भी अब थक चुके हैं। फिलहाल 29 नवंबर को तलाकनामें की पहली सुनवाई है। जिसमें तेज के तेवरों पर ऐश्वर्या के रखे जाने वाले तार्किक पक्ष से यह परिलक्षित होगा कि अंततः तेज और ऐश्वर्या की शादी का भविष्य कब और क्या आकार लेगा?
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