बराबर बराबर सीटों पर तालमेल का तकरार खत्म, नीतीश और अमित शाह राजी /अनामी शरण बबल

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 बराबर बराबर सीटों पर तालमेल हुआ बिहार में बराबर / अनामी शरण बबल
                   – 14- या  14-15- या 16 सीटों पर सहमति संभू-  – बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गयी हालांकि सीटों को लेकर अभी सार्वजनिक तौर पर घोषणा नही की गयी है, मगर मोटे तौर पर एक बराबर 14 – 14 या 15 – 15 सीटों को लेकर दोनों दल तालमेल  के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमति हो गयी है। अलबत्ता इस संभावना को देखते हुए भी दोनों साथी सहमत हो गये हैं कि कोई नया साथी अगर एनडीए के साथ बिहार में जुड़ता है तो  सीटों की कटौती के लिए भी सभी दल सहमत रहेंगे। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए नीतीश कुमार और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच अबतक चार बैठकों के बाद भी सीटों के बंटवारे पर तालमेल नहीं हो पाया था। हालांकि हर बार मीडिया को गुमराह करते रहे। मगर समय के साथ साथ सारी बातें फिर हवा हवाई हो जाती। जेडीयू यूनाइटेड में हाल ही में नंबर टू के नेता बनाये गये थिंक टैंक के रुप में विख्यात प्रशांत किशोर के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दिल्ली में आए। करीब एक घंटे की बैठक के बाद बराबर बराबर सीटों को लेकर दोनों दल राजी हो गए हैं। हालांकि सीटों के बंटवारे को लेकर घोषणा नहीं की गयी है पर  बिहार की 40 सीटों में रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा को छह और उपेन्द्र कुशवाहा को चार सीट दिया जाएगा।- हालांकि भाजपा और जेडीयू पहले 16-16 सीटों के साथ पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा को चार चार सीटों पर विमर्श किया गया। चार सीटों को लेकर कुशवाहा को ज्यादा आपत्ति नहीं हो, मगर 2014 के पिछले चुनाव में लोजपा को सात में छह सीटों पर   जीत हुई थी। लिहाजा सीटों को लेकर लोजपा के छह से कम सीटों पर  राजी होने की उम्मीद नहीं है।
 उल्लेखनीय है कि 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान जेडीयू एनडीए का हिस्सा नहीं था। दोनों एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव में उतरे। जिसमें भाजपा को 22 सीटों पर जीत हासिल हुई। तो जेडीयू को अकेले चुनाव लड़ने पर केवल दो ही सीटों पर जीत मिली। हालांकि किस किस सीटों पर  किस पार्टी के किसको टिकट दिया जाएगा यह तो बाद का सवाल है। मगर पिछले चुनाव में विजयी सांसदों के टिकट काटे जाने के बाद खिलाफत या बागी तेवरों का सामना करना पड़ सकता है। भाजपा खेमे को भी इसका अंदेशा है और वह इस मामले को सुलझाने के लिए काफी सतर्क है। बैठक के बाद मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री से भी मुलाकात हुई। जिसमें पीएम ने सीटों के बंटवारे को जल्द से जल्द निपटाकर तैयारी में लगने का आह्वान किया। यानी प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के बाद  अब यह तय हो गया है कि एनडीए के किस्मत का अंकगणितीय समीकरण का शतरंज एक बार फिर प्रशांत किशोर की टेबल पर है। प्रशांत किशोर ही पहले वे शख्स हैं जिन्होंने लोकसभा चुनाव के पहले ही 272 का आंकड़ा दर्शा कर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का भावी प्रधानमंत्री बनने का ऐलान कर दिया था। और चुनाव परिणाम भी वही रहा। तो प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी पर एक बार फिर सबकी नजरें रहेंगी।
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