प्रोफेसर एलिसन बुश को हिंदी में उत्कृष्ट कार्यों के लिए विश्व हिंदी सम्मान से नवाजा गया

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न्यूयॉर्क, यूएसए: हिंदी भाषा के प्रसार एवं हिंदी साहित्य में उल्लखेनीय एवं उत्कृष्ट योगदान के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित प्रतिष्ठित कोलंबिया विश्वविद्यालय की प्रोफेसर एलिसन बुश को 27 सितम्बर को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा विश्व हिंदी सम्मान से सम्मानित किया गया।

इस सम्मान समारोह में अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना एवं न्यूयॉर्क में प्रधान कौंसुल संदीप चक्रवर्ती भी उपस्थित थे। यह सम्मान विदेश में रहने वाले विद्वानों को दिया जाता है। सम्मान में अंगवस्त्र, शॉल, प्रशस्ति-पत्र और प्रतीक चिन्ह दिए गए।

यह सम्मान प्रोफेसर बुश को अगस्त में मॉरिशस में हुए ग्यारवें विश्व हिंदी सम्मेलन में दिया जाना था लेकन अपरिहार्य कारणों से प्रोफेसर बुश मॉरिशस नहीं जा सकीं, अत यह सम्मान उन्हें न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री द्वारा प्रदान किया गया।

प्रोफेसर बुश पिछले 30 वर्षों से हिंदी साहित्य के लिए समर्पित हैं। उनकी विशेष रुचि शास्त्रीय हिंदी परंपरा है। उन्होने हिंदी साहित्य पर उनके लेख एवं पुस्तकें प्रकाशित की हैं जिनमें मुगल साम्रज्य के दौरान हिंदी साहित्य पर आधारित ‘Poetry of Kings’ प्रमुख हैं। उन्होंने हिंदी साहित्य से जुड़ने के लिए अमेरिका, यूरोप और भारत में सैकड़ों छात्रों को प्रेरित किया है। वह दुनिया भर में हिंदी कार्यशालाओं में एक उत्साही प्रतिभागी रही हैं और न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक वार्षिक हिंदी-उर्दू सम्मेलन आयोजित करती है।

भारत सरकार द्वारा हिंदी सम्मेलनों में हिंदी के विद्वानों को सम्मानित करने की परम्परा रही है। नौवें सम्मेलन के अंत में निर्णय लिया गया की दसवें सम्मेलन से इस सम्मान को विश्व हिंदी सम्मान के नाम से जाना जाएगा।

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