भारतीय नौसैनिक को सुरक्षित बचाया गया, बोट रेस में हुए थे घायल

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पर्थ, ऑस्ट्रेलिया: भारतीय नौसेना के जवान और गोल्डन ग्लोब रेस के भारतीय प्रतिनिधि कमांडर अभिलाष टोमी को सुरक्षित निकाल लिया गया है। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए भारतीय नौसेना के आईएनएस सतपुड़ा और ऑस्ट्रेलियाई नेवी दल ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया था। कमांडर फिलहाल सचेत स्थिति में हैं और उन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट दी जा रही है।

कमांडर अभिलाष ने इससे पहले सेटैलाइट फोन से संपर्क कर बताया था कि वह चोटिल हैं और उन्होंने अपने लिए एक स्ट्रेचर की भी मांग की थी।

गोल्डन ग्लोब रेस नौका दौड़ प्रतियोगिता होती है और इसमें दुनिया भर के मशहूर नाविक हिस्सा लेते हैं। इस साल यह प्रतियोगिता 1 जुलाई को फ्रांस से शुरू हुई थी।

कमांडर अभिलाष की सुरक्षित वापसी के लिए दुनियाभर में प्रार्थना हो रही थी।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा, ‘राहत की सांस महसूस कर रही हूं। कमांडर अभिलाष टोमी को फ्रेंच फिशिंग जहाज के जरिए सुरक्षित निकाल लिया गया है। वह सचेत हैं और अच्छा महसूस कर रहे हैं। उन्हें निकट के एक टापू पर ले जाकर शुरुआती मेडिकल सुविधा दी जा रही है। आईएनएस सतपुड़ा का दल जल्द ही मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए मॉरिशस ले जाएगा।’

कमांडर अभिलाष का गोल्डन ग्लोब रेस में हिस्सा ले रहे थे और पर्थ से कुछ दूरी दक्षिणी हिंद महासागर में उनके जहाज का संपर्क टूट गया था। कमांडर अभिलाष इससे पहले भी एक बार बिना रुके दुनिया का चक्कर लगा चुके हैं। उन्हें इस रेस में हिस्सा लेने के लिए विशेष सदस्य के तौर पर आमंत्रित किया गया है।

कमांडर अभिलाष टोमी भारतीय नौसेना में कमांडर हैं। मूल रूप से मुंबई के रहने वाले अभिलाष ने गोवा यूनिवर्सिटी से साइंस में बैचलर की डिग्री ली है। 2000 में वह नौसेना में भर्ती हुए और 18 साल से वे भारतीय नौसेना के साथ हैं। सेना में कमांडर होने के आलावा अभिलाष रेकॉन पायलट और नाविक भी हैं। उन्होंने अकेले समुद्र मार्ग से पूरी दुनिया का चक्कर लगाया है। वह कीर्ति चक्र से सम्मानित हैं और दुनियाभर के कई संस्थानों में मोटिवेशनल व्याख्यान भी देते हैं।

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