बिहार सरकार ने 4063 करोड़ के सोलर प्लांट को दी मंजूरी

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पटना, बिहार: बिहार में बिजली संकट को कम करने के लिए बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बिहार में कुल पांच सोलर पॉवर प्लांट के लिए बिहार सरकार की ओर से प्राथमिक स्वीकृति दे दी गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए कुल 4063 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। इस पांच में से दो प्लांट का जिम्मा एनएचपीसी को दिया गया है।

जानकारी के अनुसार सोलर पॉवर प्लांट के पांच प्रस्तावों को राज्य सरकार के निवेश प्रोत्साहन पर्षद (एसआइपीबी) ने स्टेज-1 की मंजूरी दी है। इन सभी पॉवर प्लांट के शुरू हो जाने के बाद कुल 4440 मेगावाट बिजली पैदा होगी। नबीनगर एनटीपीसी और नबीनगर में ही रेलवे द्वारा लगाए जा रहे थर्मल पॉवर प्लांट के माध्यम से आने वाले दिनों में मेगावाट बिजली पैदा होगी। बरौनी और कांटी के आधुनिकीकरण के बाद इनसे भी अतिरिक्त 1040 मेगावाट बिजली हासिल होगी।

ऐसे में जहां थर्मल पावर प्रोजेक्ट से प्रदेश में 5480 मेगावाट बिजली उत्पन्न होगी, वहीं सोलर बिजली के ये पांच ग्रीन प्रोजेक्ट मेगावाट बिजली देंगे। प्रदेश इस समय अपने उपयोग के लिए लगभग 5100 मेगावाट बिजली ड्रा कर रहा है।

एनएचपीसी सोलर पॉवर प्लांट की अपनी एक इकाई गया के गुरारू में लगाएगी जिसकी क्षमता 250 मेगावाट है। यह प्रोजेक्ट 229.15 करोड़ का है। वहीं खगड़िया में एनएचपीसी की लगने वाली दूसरी इकाई इससे छोटी है। इसकी क्षमता 10 मेगावाट की है और इसकी लागत 45.80 करोड़ है। चूंकि एनएचपीसी सरकार का उपक्रम है इस कारण स्टेज-1 का क्लीयरेंस देते समय एसआइपीबी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य की औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के तहत इसे कोई वित्तीय प्रोत्साहन नहीं मिलेगा। यह प्रावधान केवल निजी निवेशकों के लिए है।

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