विश्व हिंदू कांग्रेस; हिंदूओं के महाकुंभ की हुई शुरुआत

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कुमार राकेश

शिकागो, यूएसए: हिंदूओं की प्रमुख सभा विश्व हिंदू कांग्रेस (डब्ल्यूएचसी) के तीन दिवसीय आयोजन के पहले दिन की शुरूआत शिकॉगो से हो चुकी है। पहले दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत, सूरीनाम के उप राष्ट्रपति अश्विन अधिन, जाने-माने पुरस्कार विजेता अभिनेता अनुपम खेर और अन्य लोगों ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।

इस सम्मेलन में 60 देशों के 2,500 हिंदुओं ने भाग लिया जहां 125 साल पहले स्वामी विवेकानंद के धर्म संसद में दिए ऐतिहासिक भाषण को याद किया गया जहां उन्होने पश्चिमी देशों को भारतीय संस्कृति से रुबरु कराया ।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस तरह के सम्मेलनों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, और कहा कैसे हिंदुओं को एक साथ काम करना चाहिए।

भागवत ने कहा, लोगों को हमारे प्राचीन ज्ञान की सख्त जरूरत है। उन्होने कहा हिंदू धर्म में, एक कीट भी नहीं मारा जाता है, लेकिन उस कीट को किस तरह से नियंत्रित करें ताकि वो हमारे प्रकृति में बना रहे और मानव को नुकसान न पहुंचाए हम ये चीज दुनिया को बताते हैं। हम कीटों तक को जीने की अनुमति देते हैं। हम ऐसे धर्म का प्रतिनिधत्व करते हैं जहां छोटे से जीव को भी बचाया जाता है।

एकता की आवश्यकता पर बल देते हुए भागवत ने कहा, “यदि शेर अकेला होता है तो, जंगली कुत्ते शेर पर आक्रमण कर उसे खत्म कर सकते हैं। इसीलिए हमें एक साथ बने रहना चाहिए।

सम्मेलन में उपस्थित लोगों से उन्होनें सामूहिक रूप से काम करने, एक पद्धति पर चर्चा करने और विकसित करने का आग्रह किया।

 

 

सम्मेलन में उपस्थित सूरीनाम गणराज्य के उप राष्ट्रपति अश्विन अधिन ने भी 2500 से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित किया। उन्होने कहा, “हिंदू हमेशा त्याग और सेवा में विश्वास रखते हैं।”

स्वामी विवेकानंद को याद कर उन्होने उस वाक्य को दोहराया जो की विवेकानंद ने कही थी: “उठो, जागो और लक्ष्य तक पहुंचने तक मत रुको।”

कई पुरुस्कार प्राप्त कर चुके अभिनेता अनुपम खेर ने भी सम्मेलन में अपनी बात रखी और कहा “हमारा देश भारत- एक ऐसी जगह है जो सभी संस्कृतियों, धर्मों और सभ्यताओं को अपने अन्दर समाहित कर के रखता है।”

मैं अपनी जड़ों से जुडा हुआ हूं। मेरे हिन्दू होने ने मुझे सिखाया की शांति को किस तरह से स्थापित कर सकते हैं। ऐसे मंच मुझे ये याद दिलाते हैं की मैं अपने कर्मों पर विश्वास रखूं और इनसे कभी भी अपना पीछा ना छुड़ाऊ। मैं स्वामी विवेकानंद जी से प्रेरणा लेता हूँ की किस तरह से हमारे अंदर वो चमक बनी रहे जो हमे आगे की ओर ले जाए। और हिन्दू होने पर मुझे ये भी कष्ट होता है की लोगों के अंदर भर आधा ज्ञान हमारे पुराने और शांति प्रिय धर्म को नष्ट करने पर तुला हुआ हैं।

इससे पहले सम्मेलन में स्वर्गीय प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और नोबेल पुरस्कार विजेता वी.एस. नायपॉल को याद कर कुछ देर का मौन रखा गया। अपने वीडियो संदेश में महंत स्वामी और परम पावन दलाई लामा ने अपनी शुभकामनाएं दी।

स्वामी विज्ञानंद जो डब्ल्यूएचसी के प्रमुख आयोजनकर्ता हैं ने शंख बजाकर इस सम्मेलन की शुरुआत की।

वहीं डब्ल्यूएचसी के अध्यक्ष एसपी कोठारी ने कहा, “डब्ल्यूएचसी के तीन लक्ष्य हैं: जागरुक करना, बदलाव लाना और सबको साथ लेकर बढ़ना डब्ल्यूएचसी आध्यात्मिकता, सद्भाव और समावेश के माध्यम से हिंदू समुदाय के बारे में पूरी दुनिया में ज्ञान को प्रसारित करता है ।

सम्मेलन में हिंदूओं के भलाई में लगे चार संगठनों के कार्यों की सरहाना की गई। इसमें बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्म स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) जिन्होनें दुनिया भर में वास्तुकला से सुंदर मंदिरों का निर्माण किया, गीता प्रेस- पवित्र हिंदू साहित्य को आसानी से सुलभ बनाने के लिए, चिन्मय मिशन- गीता के सार को समझाने के लिए, और अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना समाज गीता के संदेश को फैलाने के लिए।

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