अमेरिका ने रद्द की सैन्य मदद पाकिस्तान ने मदद नही बकाया राशि बताया

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

वॉशिंगटन, अमेरिका: अमेरिका की तरफ से रद्द की गई सैन्य मदद को पाकिस्तान ने बकाया राशि बताया है। पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि अमेरिका के कोएलिशन सपोर्ट फंड (सीएसएफ) में हमारा भी हिस्सा है। इसे पाकिस्तान पहले ही खर्च कर चुका है। अमेरिका जो दे रहा है, वह मदद नहीं पूर्व खर्च का भुगतान है। अमेरिका ने शनिवार को पाकिस्तान को दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर (2130 करोड़ रुपए) की मदद को रद्द कर दिया था। ये भी कहा कि इस्लामाबाद आतंकियों पर सख्त कार्रवाई करने में नाकाम रहा।

पाकिस्तान में आतंकियों को दी जा रही ढील पर डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की। इसके उलट वह लगातार झूठ बोल रहा है। ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि बीते 17 साल से अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अमेरिका की अगुआई वाली सेनाएं युद्ध लड़ रही हैं और पाकिस्तान आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता ले.कर्नल क्रोन फॉकनर ने कहा कि इस साल की शुरुआत में भी अमेरिका ने पाक को दी जाने वाली 500 मिलियन डॉलर की सहायता रद्द कर दी थी। कुल मिलाकर अमेरिका ने 5680 करोड़ रुपए की सहायता राशि रद्द कर चुका है। अमेरिका ने पाकिस्तान को मदद न देने का फैसला उस वक्त किया है जब विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और मिलट्री अफसर जोसेफ डनफोर्ड सितंबर में इस्लामाबाद जाने वाले हैं। मैटिस ने मंगलवार को कहा था कि इस्लामाबाद में पाकिस्तान के साथ बातचीत का मुख्य मुद्दा आतंकियों पर कार्रवाई ही रहेगा।

एक अमेरिकी थिंक टैंक स्टिमसन सेंटर के मुताबिक,  पाक को मदद न देने का फैसला दिखाता है कि अमेरिका, इस्लामाबाद पर दबाव बढ़ाना चाहता है। हालांकि पाक ने अभी तक आतंकियों पर कार्रवाई को लेकर वैसा रवैया नहीं दिखाया जैसा अमेरिका चाहता है। दोनों देशों के सैन्य संबंधों में आ रही गिरावट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका ने पाक अफसरों के सैन्य और शैक्षणिक कार्यक्रम में भी कटौती कर दी। उधर, लगातार कम हो रहे विदेशी मुद्रा भंडार के चलते पाक ने फैसला लिया कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) या चीन जैसे अपने मित्र देशों से बेलआउट पैकेज लेगा। इमरान खान ने पहले कहा था कि अमेरिका को पाक के आसमान से ड्रोन हमले बंद करने चाहिए। चुनाव जीतने के बाद अपनी पहली स्पीच में इमरान ने कहा कि वे वॉशिंगटन से ऐसे रिश्ते चाहते हैं कि दोनों देशों का फायदा हो।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.