वित्तम मंत्री अरुण जेटली ने आतंकवाद व नक्सलवाद पर गंभीर चिंता जताई है।

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केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार आतंक और नक्सलवाद की निंदा की | केंद्रीय मंत्री ने अपने ट्वीट के जरिए कहा, आतंकवाद ग्रस्‍त कश्‍मीरियों और नक्‍सल प्रभावित आदिवासियों के मानवाधिकारों की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।’
जेटली ने आगे कहा कि पिछले तीन सालों से आतंकी गतिविधियां अप्रैल, मई और जून माह में बढ़ जाती है ताकि पर्यटन के मौसम में घाटी की अर्थव्‍यवस्‍था प्रभावित हो। उन्‍होंने आतंक के चंगुल में यहां की अदालतों को ले रखा है, वे संपादकों को मार डालते हैं, निर्दोषों की जान लेते हैं।

जेटली ने कहा, ‘जम्‍मू कश्‍मीर के नागरिकों के मानवाधिकारों के लिए खतरा कौन है? राज्‍य से पूरे कश्‍मीरी पंडित समुदाय को खत्‍म कर दिया गया है। वर्ष 2000 में चिट्टीसिंहपुरा नरसंहार के बाद अधिकतर सिख समुदाय का भी वहां से पलायन हो गया।‘ बता दें कि 2000 में भारत शासित कश्मीर के चिट्टीसिंहपुरा गांव में हथियारबंद हमलावरों ने 35 सिखों की हत्या कर दी थी।

नक्‍सलियों द्वारा आदिवासी समुदायों के विकास को अनुमति नहीं दी जाती है। उनसे सहमति नहीं रखने वाले निर्दोष आदिवासियों को वे मार डालते हैं। वे सार्वजनिक भवनों को खत्‍म कर देते हैं, सुरक्षा जवानों को भी नहीं बख्‍शते और तो और मजबूर नागरिकों से टैक्‍स भी वसूलते हैं। हमारी नीति ‘प्रत्‍येक भारतीय के मानवाधिकारों की रक्षा करना’ है। ये भारतीय चाहे आदिवासी हो या कश्‍मीरी सभी के अधिकारों की रक्षा करना हमारा फर्ज है।

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